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Anmol Vachan{in Hindi} अनमोल वचन हिंदी में सत्य वचन

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Anmol Vachan • हिंदी में सत्य वचन अनमोल वचन – 1 बुद्धि जिसके पास है उसी के पास बल होता है – चाणक्य नीति हाथी जैसे विशाल जानवर को एक छोटे से अंकुश से वश में किया जा सकता है ये इसी बात का प्रमाण है कि बुद्धि और तेज में ज्यादा शक्ति होती है। अनमोल वचन – 2 अँधेरा चाहे कितना भी घना हो लेकिन एक छोटा सा दीपक अँधेरे को चीरकर प्रकाश फैला देता है वैसे ही जीवन में चाहे कितना भी अँधेरा हो जाये विवेक रूपी प्रकाश अन्धकार को मिटा देता है अनमोल वचन – 3 वज्र पर्वत से बहुत छोटा है लेकिन वज्र के प्रभाव से बड़े से बड़े पर्वत भी चकनाचूर हो जाते हैं अनमोल वचन – 4 नीम के पेड़ को अगर दूध और घी से भी सींचा जाये तो भी नीम का वृक्ष मीठा नहीं हो जाता, उसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति को कितना भी ज्ञान दे दो वो अपनी दुष्टता नहीं त्यागता अनमोल वचन – 5 जिसने अपनी इच्छाओं पर काबू पा लिया, उस मनुष्य ने जीवन के दुखों पर काबू पा लिया अनमोल वचन – 6 संकट के समय धैर्य धारण करना मानो आधी लड़ाई जीत लेना है अनमोल वचन – 7 बिना कुछ किये ज़िन्दगी गुज़ार देने से कहीं अच्छा है ज़िन्दगी को गलतियां करते गुज़ार देना अनमोल

युवा सोच टीम की मेहनत रंग लायी

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युवा सोच टीम द्रारा अखिल भारतीय मेनारिया समाज में सामाजिक विषयो से जुड़ा हुआ एक सर्वे ( आपकी राय अभियान ) कराया गया | टीम द्रारा सर्वे की रिपोर्ट जारी करने के कुछ दिंनो बाद ही समाज पर इसका असर देखा गया | इसी के चलते समाज के एक चोखले (१२ भुंगावती) ने पहल करते हुए सर्वे रिपोर्ट को आधार मानते हुए २७ जून २०१४ आषाढ़ वदी अमावस्या को एलवा माता में हुई आम जनसभा में मूख्य प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गयी है इनमे : १. मृत्युभोज में एक मिठाई बनाना  २. मृत्युभोज में लेन देना बंद करना ३. रकम दस्तूर का छोटे स्तर पर आयोजन करवाना इत्यादि सम्मिलित है  युवा सोच टीम इस सफलता का श्रेय उन सभी लोगो को देना चाहती जिन्होंने इस अभियान में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग दिया है  अभियान की सफलता के लिए आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद ऑनलाइन सर्वे अभी भी जारी है, अपनी राय देने के लिए यहाँ क्लिक करे फेसबुक : https://www.facebook.com/Menaria.Samaj धन्यवाद  देवेंद्र मेनारिया (Devendra Menariya) युवा सोच

शारदीय नवरात्री व्रत 2015 तिथियां

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देवी दुर्गा को संसार की शक्ति का आधार माना गया है। वेदों और पुराणों में देवी दुर्गा का वर्णन देवी भगवती, आदि शक्ति, महागौरी आदि नामों से किया गया है। देवीभागवत में वर्णन किया गया है कि आश्विन मास में मां भगवती की पूजा करने से मनुष्य का कल्याण होता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र की तिथियां  ( Dates of Navratri:  )निम्न हैं: 13 अक्टूबर, 2015 (1st Day of Navratri): इस दिन घटस्थापना शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 24 मिनट से लेकर 10 बजकर 12 मिनट तक का है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। 14 अक्टूबर 2015  (2nd Day of Navratri) : चंद्र दर्शन (तिथि दोहराया है) 15 अक्टूबर 2015 (2nd Day of Navratri): नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। 16 अक्टूबर 2015 (3rd Day of Navratri): नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाती है। 17 अक्टूबर 2015 (4th Day of Navratri): नवरात्र पर्व के चौथे दिन मां भगवती के देवी कूष्मांडा स्वरूप की उपासना की जाती है। 18 अक्टूबर 2015 (5th Day of Navratri): नवरात्र के पांचवे दिन भगवान कार्तिकेय की

श्रद्धांजलि

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जानिए जनेऊ धारण करने से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं...

पुरुषों के लिए जनेऊ (यज्ञोपवीत) धारण करना अनिवार्य परंपरा मानी गई है। आज भी काफी लोग इस परंपरा का पालन करते हैं। जनेऊ धागों से बनी होती है। इसका उपयोग देवताओं के पूजन कर्म में भी मुख्य रूप से किया जाता है। बालपन में ही हो जाता था यज्ञोपवीत संस्कार प्राचीन समय में बालपन में ही (8 वर्ष की आयु तक) यज्ञोपवीत संस्कार कर दिया जाता था। जनेऊ पहनने से धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है। पूर्व समय में जनेऊ पहनने के बाद ही बालक को विद्या ग्रहण करने का अधिकार मिलता था। आज भी जो लोग जनेऊ धारण करते हैं, वे इस बात का ध्यान हमेशा रखते हैं कि मल-मूत्र विसर्जन से पूर्व जनेऊ को कान पर कस कर दो बार लपेटना होता है। मल-मूत्र विसर्जन के समय कान पर जनेऊ लपेटने से कान के पीछे की दो नसों पर दबाव पड़ता है। इन नसों का संबंध पेट की आंतों से है, नसों पर दबाव आने से आंतों पर भी दबाव पड़ता है, इससे आंतें खुल जाती हैं। आंतें खुलने से मल विसर्जन आसानी से हो जाता है। इससे आंतें स्वस्थ रहती हैं। आंतें स्वस्थ रहती हैं तो कब्ज, गैस, पेट रोग, रक्तचाप, हृदय रोग सहित अन्य कई संक्रामक रोगों से शरीर सुरक्षि

ऋण क्या है

सामान्यतः लोग इस शब्द से केवल मात्र उधार लिये हुये धन से समझते है । लेकिन यह शब्द केवल मात्र इतने में ही नहीं सिमटा हुआ है । इस ऋण शब्द कि व्याख्या कि जाये तो इस पर पूरी एक किताब कि रचना कि जा सकती है । संसार में आये हुये प्रत्येक मानव पर तीन ऋण होते है । 1. पितृ ऋण:-- 2. देव ऋण 3. ऋषि ऋण पितृ ऋण से हम संतान को जन्म देकर के मुक्त होते है देव ऋण से मुक्ति के लिये हम यज्ञ,पूजा इत्यादि करते है । 3. ऋषि ऋण से मुक्ति के लिये हम ऋषियों को तर्पण प्रदान करते है । यह तो प्रत्येक मानव के उपर होने वाले ऋण है । अब बात करते है कि मानव स्वार्थ के वशीभूत होकर किस प्रकार ऋणी बनता है । 1. कई बार लोग दुकान पर लोग सामान खरीदते समय 10 , 20 रूपये कम पडने पर दुकान वाले से बोल देते है, भैया बाद मैं आयेंगे तब दे जायेंगे ओर वहाँ से आने पर मन में पाप आ जाता है । 2. जब आप कहीं मार्ग भटक जायें ओर कोई आपको सही मार्ग बताये, तो उस व्यक्ति का ऋण आप पर चढ जाता है, कम से कम उस व्यक्ति को धन्यवाद तो देना ही चाहिये । 3. जब आप मन्दिर में जाने पर पुजारी जी, या ब्राह्मण के हाथों अपने मस्तक पर तिलक लगवाते हो ओर बदले में उ

आई आई टी कानपुर में होने वाले NWUPT 2015

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बंधुओ यह पल हमारे लिए गौरव का है कि हमारे एक भाई श्री जी एस मेनारिया जो मूलतः बड़ी सादड़ी और वर्तमान में जयपुर निवासी है और राज्य में फिजिक्स के टॉपमोस्ट प्रोफेसर में गिने जाते हैं उन्है आई आई टी कानपुर में होने वाले NWUPT 2015 कार्यशाला में आमंत्रित किया गया जहाँ वे भौतिक विज्ञानं को प्रयोगात्मक रूप से और अधिक प्रभावी बनाने संबंधी विषय पर लेक्चर देंगे। उन्हें हार्दिक बधाई। मित्रों जी एस मेनारिया जी   इस कार्यशाला में पूरे राज्य का भौतिकविद् के तौर पर प्रतिनिधित्व करेंगे और हर राज्य से सिर्फ एक ही प्रोफेसर चुना गया है इस प्रकार पूरे हिंदुस्तान से कुल 26 भौतिकविद् 3 जून से 7 जून को होने वाले इस कार्यक्रम में उद्बोधन देंगे।  एच सी वर्मा पूरे हिंदुस्तान के टॉपमोस्ट भौतिकविद् है ।भौतिक विज्ञान पढ़ने वालो के लिए एच सी वर्मा नाम नया नहीं है।एच सी वर्मा का सीधा कनेक्शन हिंदुस्तान के hrd मंत्रालय से है। जिन्होंने जी एस मेनारिया को राजस्थान से अपनी पहली पसंद के रूप में चुना। यह भी बहुत बड़े गौरव की बात है। जय परशुराम

अपने अन्दर की शक्ति और क्षमता

पत्थर काटने वाले की कहानी : एक पत्थर काटने वाला मजदूर अपनी दिहाड़ी करके अपना बिता रहा था, पर मन ही मन असंतुष्ट था। एक दिन ऐसे ही उसे लगा कि उसको कोई शक्ति प्राप्त हो गयी है जिससे उसकी सारी इच्छा पूरी हो सकती है। शाम को एक व्यापारी के बड़े घर के सामने से गुजरते हुए उसने व्यापारी के ठाट बाठ देखे, गाड़ी घोड़ा, घर की सजावट देखी। अब उसके मन में इच्छा हुयी कि क्या पत्थर काटते काटते जिन्दगी गुजारनी है। क्यों न वो व्यापारी हो जाए। अचानक उसकी इच्छा पूरी हो गयी, धन प्राप्त हो गया, नया घर, नयी गाडी, सेवक सेविका, मतलब पूरा ठाटबाट। एक दिन एक बड़ा सेनापति उसके सामने से निकला अपने सैनिको के साथ, उसने देखा कि क्या बात है? कोई कितना भी धनी क्यों न हो, इस सेनापति के आगे सर झुकाता है। मुझे सेनापति बनना है। बस शक्ति से वो सेनापति बन गया। अब वो गर्व से बीच में बने सिंहासन पर बैठ सकता था, जनता उसके सामने दबती थी। सैनिको को वो मनचाही का आदेश दे सकता था। पर एक दिन तपती धुप में उसे गरमी के कारण उठना पडा, क्रोध से उसने सूर्य को देखा। पर सूर्य पर उसका कोई प्रभाव नहीं पडा, वो मस्ती से चमकता रहा। ये देखकर उसके मन में आ